Watch me grow...
November 29, 2010
अक्षर ब
अक्षर- ब
कविता -
अक्षर `ब`
ब से बकरी बँधी हुई है;
चारा खाता बैल,
बतख जल में तैर रही हैं,
पानी गया हैं फैल.
बकरी कैसी भोली-भाली,
सीधी-साधी बड़ी निराली ,
ढूध बहुत ही मीठा देती ,
घास और पत्ते खा लेती
fun `n` frolic
children`s day-11-11-10
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